श्री श्याम बाबा की प्राचीन आरती (हिंदी में अर्थ सहित) | खाटू श्याम जी की प्राचीन आरती
श्री श्याम बाबा की प्राचीन आरती अर्थ सहित पढ़ें और अनुभव करें खाटू श्याम जी की भक्ति की सच्ची भावना। यह पोस्ट भक्तों को शांति, श्रद्धा और आशीर्वाद का अनुभव कराएगी। खाटू श्याम बाबा की संपूर्ण आरती अर्थ सहित पढ़ें। जानें आरती के हर शब्द का गूढ़ अर्थ और इसका जीवन में आध्यात्मिक प्रभाव।
श्री श्याम बाबा की प्राचीन आरती का महत्व
खाटू धाम के अधिपति श्री श्याम बाबा को हर दिन आरती अर्पित की जाती है। यह आरती केवल शब्दों का संगम नहीं है, बल्कि भक्त के भावों का वह प्रवाह है, जिसमें समर्पण, प्रेम और आस्था की गंगा बहती है।
श्री श्याम बाबा की आरती गाने या सुनने से भक्त के मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, चिंता मिटती है और आत्मा को दिव्य शांति मिलती है।
श्री श्याम बाबा की आरती प्रातःकाल और संध्या समय करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और बाबा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
श्री श्याम बाबा की प्राचीन आरती (Aarti Lyrics in Hindi)
आरती कीजै श्री श्याम जी की ।
मिटती है पीड़ा, हरते है पीर की ॥
जिनके नाम की महिमा न्यारी ।
भजले मन से हर दुख हारी ॥
सांवला रूप है, नैनो में प्यार है ।
शरण में आओ, सच्चा दरबार है ॥
श्रीकृष्ण हैं ये कलियुग के ज्ञानी ।
दानवीर हैं, करुणा के सागर पानी ॥
रणभूमि में शीश जो चढ़ाया ।
पांडवों को विजय दिलाया ॥
मुरली मनोहर की ये लीला न्यारी ।
बर्बरीक बन किया अवतारी ॥
जो भी नाम ले प्रेम भाव से ।
श्याम कृपा करे पूर्ण चाव से ॥
आरती उतारो आरतिवाले ।
श्याम कृपा हो सुख देनेवाले ॥
धूप, दीप और गंध चढ़ायें ।
मन वचन तन से शरण में आयें ॥
श्याम नाम जपो सब दुःख भागें ।
हर समस्या बाबा से टल जाए ॥
आरती कीजै श्री श्याम जी की ।
भव सागर से नैया तार दी ॥
श्री श्याम बाबा की आरती (हिंदी में अर्थ सहित)
🕯️ आरती कीजै श्री श्याम जी की ।
अर्थ: आओ मिलकर श्री श्याम जी की आरती करें, जो दुखों को हरने वाले हैं।
मिटती है पीड़ा, हरते है पीर की ॥
अर्थ: वे सभी प्रकार की पीड़ा और दुखों को समाप्त कर देते हैं।
जिनके नाम की महिमा न्यारी ।
अर्थ: जिनका नाम लेना भी अपने आप में चमत्कारी है।
भजले मन से हर दुख हारी ॥
अर्थ: जो मन से भजता है, उसका हर दुख बाबा हर लेते हैं।
सांवला रूप है, नैनों में प्यार है ।
अर्थ: उनका सांवला रूप अत्यंत मनोहर है, और उनकी आंखों में अपार प्रेम है।
शरण में आओ, सच्चा दरबार है ॥
अर्थ: जो उनकी शरण में आता है, उसे सच्चे दरबार की अनुभूति होती है।
श्रीकृष्ण हैं ये कलियुग के ज्ञानी ।
अर्थ: ये कलियुग के श्रीकृष्ण स्वरूप हैं, जो समस्त ज्ञान से युक्त हैं।
दानवीर हैं, करुणा के सागर पानी ॥
अर्थ: ये महान दानी हैं, करुणा से परिपूर्ण हैं।
रणभूमि में शीश जो चढ़ाया ।
अर्थ: महाभारत युद्ध में इन्होंने अपना शीश समर्पित किया।
पांडवों को विजय दिलाया ॥
अर्थ: इन्हीं की कृपा से पांडवों को जीत प्राप्त हुई।
मुरली मनोहर की ये लीला न्यारी ।
अर्थ: मुरलीधर श्रीकृष्ण की यह लीला अद्भुत और अद्वितीय है।
बर्बरीक बन किया अवतारी ॥
अर्थ: बर्बरीक रूप में भगवान ने अवतार लिया।
जो भी नाम ले प्रेम भाव से ।
अर्थ: जो भी प्रेम से इनका नाम लेता है...
श्याम कृपा करे पूर्ण चाव से ॥
अर्थ: श्याम बाबा उस पर कृपा अवश्य करते हैं।
आरती उतारो आरतिवाले ।
अर्थ: आओ आरती उतारें, श्रद्धा और भाव से।
श्याम कृपा हो सुख देनेवाले ॥
अर्थ: बाबा श्याम की कृपा से सुख और शांति प्राप्त होती है।
धूप, दीप और गंध चढ़ायें ।
अर्थ: धूप, दीप और सुगंधित पुष्पों से बाबा की पूजा करें।
मन वचन तन से शरण में आयें ॥
अर्थ: तन, मन और वचन से समर्पण करें।
श्याम नाम जपो सब दुःख भागें ।
अर्थ: श्याम नाम का जाप करने से सारे दुःख दूर हो जाते हैं।
हर समस्या बाबा से टल जाए ॥
अर्थ: जो भी समस्या हो, बाबा के आशीर्वाद से दूर हो जाती है।
आरती कीजै श्री श्याम जी की ।
अर्थ: अंत में फिर से हम श्याम जी की आरती करें और उनका आशीर्वाद पाएं।
भव सागर से नैया तार दी ॥
अर्थ: बाबा श्याम हमारे जीवन रूपी नैया को भवसागर से पार कर देते हैं।
आरती करने की विधि
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बाबा की प्रतिमा या फोटो के समक्ष दीपक जलाकर आरती करें।
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आरती के दौरान घंटी बजाएं और धूप-दीप से बाबा को पूजन करें।
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आरती के पश्चात "जय श्री श्याम" का घोष करें।
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प्रसाद में पंजीरी, लड्डू या तुलसी पत्र अर्पण करें।
श्री श्याम बाबा की आरती में केवल शब्द नहीं, भक्त का समर्पण होता है। जब भी जीवन में कठिनाई हो, मन अशांत हो या राहें भटक रही हों, तो श्याम बाबा की आरती करें — शांति, समाधान और सच्चा सहारा आपको मिलेगा।
🕉️ जय श्री श्याम बाबा!